Best roti par shayari, quotes, status – रोटी पर शायरी इन हिंदी

रोटी पर शायरी इन हिंदी

रोटी पर शायरी इन हिंदी : नमस्ते भाइयो और बहनो को स्वागत है आपका शायरीवाले ब्लॉग इस पोस्ट को हमने बड़े खूबसूरती से लिखा है क्योकि विषय ही कुछ ऐसा है। रोटी हमारी ज़िन्दगी को आगे बढ़ाने के लिए बोहोत जरुरी है। ये एक ऐसी चीज़ है जो चाहे अमीर हो या गरीब दो से जुड़ी हुई है।

हमें रोटी की कद्र करनी चाहिए फिर चाहे हमारी औकात कितनी भी बड़ी क्यू ना हो और ये भी हमारी जिम्मेदारी है  की हमारे आस पास कोई इंसान या जानवर भूका ना सोए। तो फिर दोस्तों पढ़े रोटी शायरी इन हिंदी और इंग्लिश में।

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Best roti par shayari, quotes, status – रोटी पर शायरी

रोटी पर शायरी हिंदी
रोटी पर शायरी हिंदी

Khada hu aaj bhi
Roti ke chaar harf liye
Sawal ye hai ki mujhko
Kitaabo ne kya diya hai

~Nazir Baakri

खड़ा हूँ आज भी 
रोटी के चार हर्फ़ लिए
सवाल ये है की मुझको  
किताबों ने क्या दिया है।

~नज़ीर बाक़री

Talab roti ki tadpaaye
Toh khatre bhool jate hai
Parindo ko shikaari ke
Shikange bhool jaate hai..!

~Naasir Maaruf

तलब रोटी की तड़पाए 
तो ख़तरे भूल जाते हैं
परिंदों को शिकारी के 
शिकंजे भूल जाते हैं

~नासिर मारूफ़

Best roti shayari in hindi

Usse khilouno se bhadkar hai
Fikra roti ki
Hamare dour ka bacha janam
Se hi bhuda hai.!

~Absaamad Tapish

उसे खिलौनों से बढ़कर है 
फ़िक्र रोटी की
हमारे दौर का बच्चा जनम 
से ही बूढ़ा है। 

~अब्दुस्समद तपिश

Beech sadak ek laash padi thi
Aur ye likha tha
Bhook mee toh zehrili roti bhi
Mithi se lagti hai..!

~Bekal Utsaahi

बीच सड़क एक लाश पड़ी थी 
और ये लिखा था
भूख में तो ज़हरीली रोटी भी 
मीठी सी लगती है। 

~बेकल उत्साही

Garib bhook ki thokar se
Khoon khoon hue
Kisi ameer ko aab toh
Lahu ki mehek aaye

~Anwar Kaifi

ग़रीब भूख की ठोकर से 
ख़ून ख़ून हुए
किसी अमीर को अब तो 
लहू की महक आए

~अनवर कैफ़ी

Bhook mee ishq ki tehzib
Bhi bhar jaati hai
Chand aakash pe thaali ki
Tarah lagta hai..!

~Shakil Aazmi

भूख में इश्क़ की तहज़ीब 
भी मर जाती है
चाँद आकाश पे थाली की
तरह लगता है। 

~शकील आज़मी

Mashakat ki roti mee
Sabse jyada nasha hota hai
Kyoki mashakat ki roti ke
Khamir se mehnat ki khushbu aati hai

~Munaavar Rana

मशक़्क़त की रोटी में 
सबसे ज़ियादा नशा होता है 
क्योंकि मशक़्क़त की रोटी के 
ख़मीर से ख़ुदा की ख़ुश्बू आती है।

~मुनव्वर राना

रोटी शायरी इन हिंदी

Ek roti ko bhi maine
Chaar mee batate dekha hai
Sadak par khada wo aadmi bhi
Kisi baadshah se kum nahi lagta

एक रोटी को भी मैंने
चार जनो में बटते देखा है
सड़क पर खड़ा वो आदमी भी
किसी बादशाह से कम नहीं लगता। 

best roti par shayari hindi
best roti par shayari hindi

Khuda kare ki kabhi
Kisi ko bhook sataye na
Agar sataye toh mehnat kare
Kabhi kisi ke aage haath failae na

खुदा करे की कभी
किसी को भूख सताए ना
अगर सताए तो मेहनत करे
कभी किसी के आगे हाथ फैलाए ना।

Maa ke haath ki roti se
bhook mit ti hai
Khud ki banai roti se bas
pait bharna hai..!

माँ के हाथ की रोटी से
भूख मिट ती है
खुद की बनाई रोटी से बस
पेट भरना है..!

Best roti par shayari

Pait ke dard ko
kya jane ye duniya
Roti churane wale ko
Chor hi kehti hai ye dunia

पेट के दर्द को
क्या जाने ये दुनिया
रोटी चुराने वाले को
चोर ही कहती है ये दुनिआ

Ae roti mujhe bas
Apna pata bata de tu
Jaha teri barbaadi hoti hai

ऐ रोटी मुझे बस
अपना पता बता दे तू
जहा तेरी बर्बादी होती है।

Kai dafa chule ke
Saamne se udaas utha hu
Aur roti se jyada toh main jala hu

कई दफा चुहलें के
सामने से उदास उठा हु
और रोटी से ज्यादा तो मैं जला हु।

Roti ke tukade ko kachre mein
Dundate hue maine dekha hai
Mai uss garib ko udaas dekha hai..!

रोटी के टुकड़े को कचरे में
ढूंढते हुए मैंने देखा है
मै उस गरीब को उदास देखा है।

Line bohot badi thi
Issliye raat ho gayi
Do roti ko paana
Jaise khwaab ho gayi…!

लाइन बोहोत बड़ी थी
इसलिए रात हो गई
दो रोटी को पाना
जैसे ख्वाब हो गई।

भूखे को खाना खिलाने पर शायरी

Khuda kisi ko kabhi
Bhooka naa rakhe
Aur rakhe toh waqt se
Do roti bhi de de…!

खुदा किसी को कभी
भूखा ना रखे
और रखे तो वक़्त से
दो रोटी भी दे दे।

रोटी शायरी इन हिंदी
रोटी शायरी इन हिंदी

Bohot mehat lagti hai
Do waqt ki roti kamaane mein
Magar insaan kya kare iss
Mehengayi bhare zamaane mein…!

बोहोत मेहनत लगती है
दो वक़्त की रोटी कमाने में
मगर इंसान क्या करे इस
मेहंगाई भरे ज़माने मे।

Amir ke paas waqt nahi
Khaana khane ka magar
Garib toh bhatakta hai
Sirf do roti ke khatir…!

आमिर के पास वक़्त नहीं
खाना खाने का मगर
गरीब तो भटकता है
सिर्फ दो रोटी के खातिर।

roti status in hindi

Agar manzil tak jaana hai toh
Chalna seekh jaao
Kyoki kismat ki roti kutto ko bhi
Naseeb hoti hai…!

अगर मंज़िल तक जाना है तो
चलना सीख जाओ
क्योंकि किस्मत की रोटी कुत्तों को भी
नसीब होती है।

Gamand mein tum itna bhi
Mat gir jaana ki ghar par
Aaye fakir ko booke pait
Wapas loutna pad jaaye…!

घमंड में तुम इतना भी
मत गिर जाना कि घर पर
आए फ़क़ीर को भूखे पेट
वापस लौटना पड़ जाए…!

Ae bhagwan bhale hi meri
Laakh khwaishe hogi tujhse
Bas ek khwaish poori kar dena
Mere sheher mein koi bhuka na soye..

ऐ भगवान भले ही मेरी
लाख ख्वाइशे होगी तुझसे
बस एक ख्वाइश पूरी कर देना
मेरे शहर में कोई भूखा ना सोए।

Maa bujurg ho gayi
Toh uska sath choud diya
Bhool gaye tum ki bachpan mein
Kaise goud mein baitha kar roti khilati thi

माँ बुजुर्ग हो गई
तो उसका साथ छोड़ दिया
भूल गए तुम कि बचपन में
कैसे गोद में बैठाकर रोटी खिलाती थी।

Garib ek roti ko bhi
Chaar jan mein baatata hai
Tum ghar par bache khaane ko
Kaise kachre mein faik dete ho yaar…!

गरीब एक रोटी को भी
चार जन में बांटता है
तुम घर पर बचे खाने को
कैसे कचरे में फेक देते हो यार।

रोटी पर शायरी इन हिंदी

Dharm ke naam par bohot
Roti sek di jaati hai
Magar khane ka maza wahi hai
Jaha dharm na aaye…!

धर्म के नाम पर बोहोत
रोटी सेंक दी जाती है
मगर खाने का मज़ा वही है
जहा धर्म ना आए।

roti status in hindi
roti status in hindi

Amir aadmi bhale hi
Aur amir kyo na ho jaaye
Garib aadmi ki manzil sirf
Do waqt ki roti tak jaati hai….!

अमीर आदमी भले ही
और अमीर क्यों ना हो जाए
गरीब आदमी की मंज़िल सिर्फ
दो वक़्त की रोटी तक जाती है….!

Khana faikne walo
Zara ek nazar apne
Aas paas bhi ghumao
Kitni log bhooke hai
Zara inko bhi ginwao…!

खाना फेकने वालो
ज़रा एक नज़र अपने
आस पास भी घुमाओ
कितनी लोग भूखे है
ज़रा इनको भी गिनवाओ।

roti shayari in hindi

Roti sukhi hai toh kya hua
Usse faiko mat
Kya pata koi shaqs usske liya
Bhi taras raha ho

रोटी सूखी है तो क्या हुआ
उसे फैको मत
क्या पता कोई शक़्स उसके लिए
भी तरस रहा हो।

Tera mujhe roti pakaana
yaad aata hai
Apne hatho ko chule se jalana
yaad aata hai
Mujhe daat laga kar khana khilana
yaad aata hai
Tera wo muskurata chehra mujhe bohot
yaad aata hai…!

तेरा मुझे रोटी पकाना
याद आता है
अपने हाथो को चुले से जलाना
याद आता है
मुझे डांट लगाकर खाना खिलाना
याद आता है
तेरा वो मुस्कुराता चेहरा मुझे बोहोत
याद आता है।

Roti ki kimat kya hai
Bas itna jaanlo tum
Maine sadak kinare bhi
Chule jalte dekhe hai…!

रोटी की किमत क्या है
बस इतना जानलो तुम
मैने सड़क किनारे भी
चूले जलते देखे हैं।

Kabhi kisi garib se bhi
Kuch kharid liya karo tum
Taaki uske ghar mein bhi
Har roz chula jal sake…!

कभी किसी गरीब से भी
कुछ खरीद लिया करो तुम
ताकी उसके घर में भी
हर रोज़ चुला जल सके।

Sabko yaad karta hu main
Ek baar nahi so baar karta hu
Magar kya karu mil nahi sakta
Roti ke liye din bhar kaam karta hu…!

सबको याद करता हूं मैं
एक बार नहीं सो बार करता हुआ
मगर क्या करू मिल नहीं सकता
रोटी के लिए दिनभर काम करता हूं…!

रोटी शायरी इन हिंदी

Bhale hi mere hisse ki
Roti tu kum karde ae khuda
Bas kisiko bhuka mat sone dena

भले ही मेरे हिस्से की
रोटी तू कुम करदे ऐ खुदा
बस किसीको भूखा मत सोने देना।

roti par shayari in english
roti par shayari in english

Kisi majdur par kabhi
Attyachar mat karna
Uski mehnat se uske
Ghar par roti pakti hai…!

किसी मजदूर पर कभी
अत्याचार मत करना
उसकी मेहनत से उसके
घर पर रोटी पकती है।

Bhari khane ki thali ko kyo
Aese fek dete hai log
Garib ko ghar ke darwaaze se
Wapas bheej dete hai log

भरी खाने की थाली को क्यों
ऐसे फेक देते हैं लोग
गरीब को घर के दरवाजे से
वापस भेज देते हैं लोग।

Best roti par shayari

Do roti kya kya kara deti hai
Jo kabhi apna bhoj nahi utha sake
Aaj ve hi log patthar utha rahe hai

दो रोटी क्या क्या करा देती है
जो कभी अपना भोज नहीं उठा सके
आज वे ही लोग पत्थर उठा रहे हैं।

Bhook toh ek roti bhi
Mita deti hai bas shart ye hai
Wo roti meri maa ne banai ho…!

भूल तो एक रोटी भी
मिटा देती है बस शर्त ये है
वो रोटी मेरी मां ने बनाई हो।

Har koi har kisi ka dard
nahi samajh sakta
Sirf bhooke ko hi pata hai
roti ki ahemiyat…!

हर कोई हर किसी का दर्द
नहीं समझ सकता
सिर्फ भूखे को ही पता है
रोटी की अहमियत।

Har garib ki thaali mein
Roti bhari dikh rahi hai
Lagta hai chunaav ka
Mousam nazdik aa gaya

हर गरीब की थाली में
रोटी भरी दिख रही है
लगता है चुनाव का
मौसम नज़दिक आ गया।

Roti chahe sukhi kyo naa ho
Apni mehnat ki kamai ka
Maza hi kuch aur hota hai…!

रोटी चाहे सुखी क्यों ना हो
अपनी मेहनत की कमाई का
मजा ही कुछ और होता है।

भूखे को खाना खिलाने पर शायरी

Garib se ye kaisa naata hai
Neeta rakhta hai roti thaali mein
Phir uske saath tasver khichvata hai
Aur phir dubara nazar nahi aata hai….!

गरीब से ये कैसा नाता है
नेता रखता है रोटी थाली में
फिर उसके साथ तस्वीर खिचवाता है
और फिर दुबारा नज़र नहीं आता है।

रोटी शायरी हिंदी
रोटी शायरी हिंदी

Aate daal ka bhaav
Sahi se lagaaya karo
Kya pata kisi garib ko
Kum mein jyada mil jaye…!

आटे दाल का भाव
सही से लगाया करो
क्या पता किसी गरीब को
कम में ज्यादा मिल जाए।

Garib se kis tarah
Hisab karega tu khuda
Iss ne toh roti bhi
Gin gin kar khaai hai…!

गरीब से किस तरह
हिसाब करेगा तू खुदा
इसने तो रोटी भी
गिन गिन कर खाई है।

roti status in hindi

Roti toh bohot se log
Kama kar khaate hai
Magar bohot kum hote hai
Jo parivaar ke sath khaate hai…!

रोटी तो बोहोत से लोग
कमा कर खाते हैं
मगर बोहोत कम होत है
जो परिवार के साथ खाते हैं।

Logo ki jarurat jyada hai
Issliye toh rishvat lete hai
Magar aaj bhi kuch log hai
Jo mehnat ki roti khate hai…!

लोगो की जरूरत ज्यादा है
इसलिए तो रिश्वत लेते हैं
मगर आज भी कुछ लोग हैं
जो मेहनत की रोटी खाते हैं।

Unhi logo ke ghar mein
Roti kude mein jati hai
Jinhe ye ehsaas nahi hota
Koi bhuka bhi so raha hai…!

उन्ही लोगो के घर में
रोटी कुड़े में जाती है
जिन्हे ये एहसास नहीं होता
कोई भूखा भी सो रहा है।

Jab pyar ko ussne
Paise se toul diya
Jab do waqt ki roti
Ki kimat bol diya…!

जब प्यार को उसने
पैसे से तोल दिया
जब दो वक्त की रोटी
की किमत बोल दिया।

Pait ki aag kuch aesi hai janab
Jo do roti se nahi bhuja paata hu
Ghumta hu mai dar badar iss tarah
Apne ghar ka mehman ho jaata hu

पेट की आग कुछ ऐसी है जनाब
जो दो रोटी से नहीं भुजा पाता हूं
घूमता हु मैं दर बदर इस तरह
अपने घर का मेहमान हो जाता हूं।

रोटी पर शायरी इन हिंदी

Usko ginti ki samajh
Shayad aaj bhi nahi maloom
Jab main ek roti maangta hu toh
Maa mujhe do roti laakar deti hai…!

उसको गिनती की समझ
शायद आज भी नहीं मलूम
जब मैं एक रोटी मांगता हूं तो
माँ मुझे दो रोटी लाकर देती है।

roti quotes in hindi
roti quotes in hindi

Sacha pyar toh sirf
Maa hi karti hai humse
Ek haath se thapad toh
Dusre hath se roti khilati hai

सच्चा प्यार तो सिर्फ
माँ ही करती है हमसे
एक हाथ से थप्पड़ तो
दसरे हाथ से रोटी खिलाती है।

Ye roti itni bhi sasti nahi
Koi isse kamane ko doudta hai
Toh koi isse pachaane ko doudta hai

ये रोटी इतनी भी सस्ती नहीं
कोई इसे कमाने को दौड़ता है
तो कोई इसे पचाने को दौड़ता है।

roti par shayari

Aise dekhe toh garib
Zamin par padi roti bhi
Khaa lete hai aur amir ko
Hath se mili roti ki kadra nahi….!

ऐसे देखे तो गरीब
ज़मीन पर पड़ी रोटी भी
खा लेते हैं और अमीर को
हाथ से मिली रोटी की क़द्र नहीं।

Insaan apni hi pareshani mein hai
Tapti dhoop mein koi rahat nahi hai
Kisike paas ek waqt ki bhi roti nahi
Kisike paas ek roti khane ka waqt nahi

इंसान अपनी ही परेशानी में है
तपती धूप में कोई राहत नहीं है
किसके पास एक वक्त की भी रोटी नहीं
किसके पास एक रोटी खाने का वक्त नहीं।

Waqt badalne mein jyada
Waqt nahi lagta jo baap kabhi
Muft ki roti deta tha aaj beete ne
Keh diya tu muft ki roti khaata hai…!

वक्त बदलने में ज्यादा
वक़्त नहीं लगता जो बाप कभी
मुफ्त की रोटी देता था आज बेटे ने
कह दिया तू मुफ्त की रोटी खाता है।

Unn logo ka kya naseeb hai jinhe
Maa apne hath se roti khilati hai
Waran kitno ke paas khaana nahi
Aur kitno ke paas toh maa hi nahi

उन लोगो का क्या नसीब है जिन्हे
माँ अपने हाथ से रोटी खिलाती है
वरना कितनो के पास खाना नहीं
और कितनो के पास तो मां ही नहीं।

Chahe kitna bhi dukh ho
Humko wo hasa deti hai
Maa hai jo apne hisse ki
Roti bhi baant leti hai…!

चाहे कितना भी दुख हो
हमको वो हसा देती है
मां है जो अपने हिस्से की
रोटी भी बांट लेती है।

रोटी शायरी इन हिंदी

Agar ghar mein roti bach jaye
Toh isse jarur baant dena kyoki
Mere desh mein bhook mari se
Marne waale log bohot milenge

अगर घर में रोटी बच जाएं
तो इसे जरूर बांटा देना क्योकिं
मेरे देश में भूखमरी से
मरने वाले लोग बोहोत मिलेंगे।

Maine bas itna jaana hai chahe
Kitna bhi kama lo bhook toh sirf
Daal aur roti sehi bhoojti hai…!

मैंने बस इतना जाना है चाहे
कितना भी कमालो भूख तो सिर्फ
दाल और रोटी से ही भुझती है।

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